तब श्रीकृष्ण ने उन्हें रोका और कहा कि तुम अपने ही मुंह से अपने गुणों का बखान करो, ऐसा करने से यही समझा जाएगा कि तुमने अपने ही हाथों अपने को मार लिया। फिर अर्जुन ने ऐसा ही किया। इस तरह श्रीकृष्ण ने धर्म ज्ञान और अपनी लीला से अर्जुन और युधिष्ठिर दोनों के प्राण बचा लिए।